Thursday, July 16, 2020

यह कैसी स्मार्ट सिटी और किसके लिए

 यह कैसी स्मार्ट सिटी और किसके लिए 

जनवरी यानी जब लोग नए कैलेंडर साल का जश्न मना रहे थे। जवाहर चौक के करीब 200 दुकानदारों की दुकानें उजाङी जा रहीं थीं । इनमें से करीब 60 को तो जगह मिल गई और 140 का व्यवस्थापन नहीं हुआ । यह 140 नगर निगम के किराएदार थे वो भी 1980 के दशक से। दुकानदार तीन महीने तक भटकते रहे। फिर कोरोना संक्रमण lock down प्रदेश में सरकार बदल गई। स्मार्ट सिटी कंपनी और प्रशासन में  अफसर बदल गए । यह दुकानदार आज भी भटक रहे हैं। हर दुकानदार की कहानी ऐसी कि सुनो तो रोंगटे खङे हो जाएं ।
इस पर भी आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि जो जगह इन दुकानदारों से खाली कराई गई वहाँ अतिक्रमण हो गया। मुझे याद आता है ...


देश में मोदी सरकार आई। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की घोषणा हुई ।पहली सूची में ही भोपाल का नाम आया। शहर में खुशी का माहौल। थोड़े  दिन में यह खुशी गायब हो गई। जब पता चला कि सेकंड और थर्ड स्टाप के मकान तोड़कर पेड़ काटकर स्मार्ट सिटी बसाई जाएगी। छुटपुट विरोध चल रहा था। मेरी एक खबर से खुलासा हुआ कि स्मार्ट सिटी के चयन में फर्जी वोटिंग का सहारा लिया गया है। आंदोलन तेज हो गया नतीजा स्मार्ट सिटी की जगह बदलना पङी।
ईश्वर निर्णायक भूमिका निभाने वालों को सदबुद्धि प्रदान करेंगे ।
(आज के दैनिक भास्कर भोपाल में प्रकाशित मेरी खबर के साथ उस जगह का फोटो जहाँ से वैध दुकानें हटाई गईं और आज अतिक्रमण हो गया। और साथ में किस तरह दुकानदार आज फुटपाथ पर सामान रख कर कारोबार कर रहे हैं ।)
   

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