Wednesday, March 24, 2021

हिंदुत्व और महात्मा गाँधीजी का रामराज्य (४६)

(गतांक से आगे)

महात्मा गाँधी ने कहा हिंदू होने के कारण ही मैं समाज सेवा की ओर अग्रसर हुआ

#मंनोज_जोशी

हिंदू संस्कृति के वाहक होने के कारण ही महात्मा गांँधी देश की आजादी के आंदोलन और समाज सुधार की ओर प्रेरित हुए। यह बात स्वयं गाँधी जी ने लिखी है।

पुस्तक कंटेम्पररी इंडियन फिलासफी’ के लिए डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने महात्मा गाँधीजी से तीन सवाल पूछे थे- (1) आपका धर्म क्या है, (2) आप धर्म में कैसे प्रवृत्त हुए, और (3) सामाजिक जीवन पर इसका क्या असर रहा है ?. गाँधी जी ने पहले सवाल के जवाब में लिखा “मैं धर्म से हिन्दू हूं जो मेरे लिए मानवता का धर्म है और जिसमें मुझे ज्ञात सारे धर्मों का श्रेष्ठतम् शामिल है. ” दूसरे प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा —“मैं इस धर्म में सत्य और अहिंसा यानी व्यापक अर्थों में प्रेम के रास्ते प्रवृत्त हुआ. यह कहने की जगह कि ‘ईश्वर सत्य है’, हाल-फिलहाल मैंने अपने धर्म को परिभाषित करने के लिए ‘सत्य ईश्वर है’ कहना शुरु किया है… क्योंकि ईश्वर का नकार तो ज्ञात है लेकिन सत्य का नकार नहीं. यहां तक कि मनुष्यों में जो सर्वाधिक अज्ञानी हैं, उनमें भी कुछ सत्य है. हम सब सत्य की कौंध हैं. इस कौंध का सकल-समग्र अनिर्वचनीय -अब तक अज्ञात सत्य, जो कि ईश्वर है. मैं अनवरत प्रार्थना के सहारे रोज ही इसके निकट पहुंचता हूं.” और तीसरे प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा—“ऐसे धर्म के प्रति सच्चा होने के लिए प्रत्येक जीवन की अनवरत-अविराम सेवा में स्वयं को निस्व करना पड़ता है. सत्य का साक्षात्कार जीवन के अनंत सागर में विलीन हुए और इससे तदाकार हुए बिना असंभव है, इसलिए समाज-सेवा से मेरी निवृति नहीं है.”

इन तीनों प्रश्नों के उत्तर को समग्र रूप से देखें तो गाँधीजी भी हिंदू धर्म को केवल एक रिलीजन के तौर पर नहीं मानते। वह एक जीवन पद्धति है और इसी जीवन पद्धति ने उन्हें समाज सेवा के लिए प्रेरित किया बल्कि साधारण शब्दों में कहें तो हिंदू होने के कारण समाज सेवा से वे जीवन भर निवृत्त नहीं हो सकते। 

गाँधीजी की बात को समझने के लिए हमें समझना होगा कि आखिर धर्म क्या है और वह अंग्रेजी के रिलीजन से कैसे अलग है और यह भी समझना होगा कि हिंदुओं का यह विशेष गुण क्या है? जिसकी चर्चा गाँधीजी कर रहे हैं और इसे क्या कहते हैैं?

(क्रमशः)

(यह श्रंखला मेरे ब्लॉग फेसबुक और एक अन्य न्यूज़ वेबसाइट www.newspuran.com पर भी उपलब्ध है।)

No comments:

Post a Comment